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कुछ अपनी कुछ जग की: August 2008
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कुछ अपनी कुछ जग की. सार्थकता के अपने मायने होते हैं , यह भी एक है. शनिवार, 30 अगस्त 2008. प्रिंट व आनलाईन मासिक पत्रिका. समीर भाई,. जोहार,. आदरणीय बुधराम यादव जी के प्रयास के समाचार को. पढ कर अति प्रसन्नता हुई,हमें उनका आर्शिवाद व संपादन. सहयोग मिलता रहे तो गुरतुर गोठ को आप-हम नईउंचाईयों में ले जायेंगें ।. मेरे विचार से 'गुरतुर गोठ' को chhattisgarhi का "प्रतिनिधि ब्लॉग". आपने इस हेतु क्या योजना सोच रखा है यह जरुर बताएं।. Http:/ aarambha.blogspot.com. Www।gurturgoth.कॉम. उसके लिए साध...मेरे...
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दिल की बात: वो मिला तो याद आया हम कितने पेचीदा है
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दिल की बात. मुखपृष्ठ. बाज लम्हे. वो मिला तो याद आया हम कितने पेचीदा है. कमजोरियों. इंसानी. दुर्बलतायो. सावधानी. बांटते. खिड़की. ये मेरे पापा का स्कूल है जब वो छोटे थे .अब वो बड़े हो गये है ना! चौकीदार उसके सर पे हाथ फेर कर कहता है फ़िर अपने कमरे की ओर बढ़ जाता है. आज का तजुर्बा :-. २४ सेप्टेम्बर .बुधवार . से गुजर रहा है . बुद्दिजीवी फ़िर चुप है .ओर अब सरोकार सिर्फ़ निजी है. प्रस्तुतकर्ता डॉ .अनुराग. लेबल: जिंदगी की गलिया. 60 टिप्पणियां:. 24 सितंबर 2008 को 1:48 am. उत्तर दें. उत्तर दें. Sab kuch hanny- hanny.
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सत्यापन : September 2013
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. शब्द प्रभुनों - -कवि वामन निम्बाळकर. शब्द प्रभुनों . शब्दों से जलते है घर ,दार ,देश और इंसान भी /. शब्द बुझाते है शब्दों से जले हुए इंसानों को /. शब्द न होते तो आँखों से गिरे न होते आग के गोले /. न बहता आंसुओं का महापुर /. आता न कोई करीब /. जाता न दूर ,. शब्द न होते तो . कवि वामन निम्बाळकर. अनुवाद -कैलाश वानखेड़े. शब्दांनीच पेटतात घरे, दारे, देश /. आणि माणसेसुद्धा /. शब्द विझवतात आगही /. गेले नसते दूर /. शब्द नसते तर'. Subscribe to: Posts (Atom).
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सत्यापन : धर्मेद्र सुशांत,दैनिक हिंदुस्तान में
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. धर्मेद्र सुशांत,दैनिक हिंदुस्तान में. धर्मेद्र सुशांत ने दैनिक हिंदुस्तान में 3 नवम्बर 2013 में लिखा है . ठोस सामाजिक संदर्भ. Labels: सत्यापन. समीक्षा. Subscribe to: Post Comments (Atom). आन लाइन सत्यापन खरीदने के लिए. Http:/ www.itokri.com/products/satyapan. लेखक हूँ .म.प्र.राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत . Https:/ www.facebook.com/pages/Kailash-wankhede/357333650953027. हाँ मै दलित हूँ. सत्यापित. कँटीले तार. 160; कहानी : क&#...सावित&#...शब्...
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सत्यापन : October 2011
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. अटेस्टेड (' सत्यापित ' का मराठी अनुवाद ). मी वाट पाहत होतो की माझा नंबर येईल अन माझं अटेस्टेशनचं काम होईल. Labels: मराठी अनुवाद. Subscribe to: Posts (Atom). आन लाइन सत्यापन खरीदने के लिए. Http:/ www.itokri.com/products/satyapan. लेखक हूँ .म.प्र.राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत . सत्यापन' की कहानियों पर आलोचकों तथा पाठकों के विचार. Https:/ www.facebook.com/pages/Kailash-wankhede/357333650953027. हाँ मै दलित हूँ. सत्यापित. 160; कहानी :...सावì...
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सत्यापन : B B C में सत्यापन
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. B B C में सत्यापन. Http:/ www.bbc.co.uk/hindi/indepth/2013/12/131230 editors booklist 2013 rns.shtml. सत्यापन: कैलाश वानखेड़े (आधार प्रकाशन). Labels: सत्यापन. समीक्षा. Subscribe to: Post Comments (Atom). आन लाइन सत्यापन खरीदने के लिए. Http:/ www.itokri.com/products/satyapan. लेखक हूँ .म.प्र.राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत . Https:/ www.facebook.com/pages/Kailash-wankhede/357333650953027. हाँ मै दलित हूँ. सत्यापित. कँटीले तार. 160; कहान...सा...
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सत्यापन : July 2012
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. आलतू फालतू .आ बला को टाल तू .पाँच सौ परसेंट सिर खपाऊ. कौन पूछता है कि गैंग बनाकार आप गालियों को जस्टीफाई क्यों करते हो? इसे सहज सामान्य और नेचुरल बताते बताते भूला देते हो कि दलित साहित्य में आपको गाली के अलावा कुछ दिखता ही नहीं? न हत्याकांड दिखे न नरसंहार में बरी हुए फैसले की जानकारी मिलती है इन्हें. Subscribe to: Posts (Atom). आन लाइन सत्यापन खरीदने के लिए. Http:/ www.itokri.com/products/satyapan. हाँ मै दलित हूँ. मेरे माथे पर ...दिवस मावळ...160; ...
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सत्यापन : January 2013
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. कविता -तुम इतनी मासूम लगी मुझे कि तुम्हारे भीतर बुद्ध दिखते है. तुम इतनी मासूम लगी मुझे कि तुम्हारे भीतर बुद्ध दिखते है. पीर बाबा की मजार पर दुआओं की कतार में भेड़ बनने की बजाय तुम घूमती रही. 160;आकर्षक नकली जेवर लुभा न सकें तुम्हें. बंद स्कूल में गुलाबी कपड़ों में खेला गया आखरी दिन की यादें. सहेली ,वह टीचर जिसे कर्फ्यू के बाद आना था . Labels: कविता. कहाँ जाओगी ,दुर्गा . कविता. बस दिखी तस्वीर दुर्गा की. धुंधलका आ गया. Labels: कविता. तुम लोग. इस रì...
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सत्यापन : October 2013
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कविता - मराठी अनुवाद. कहानी - मराठी अनुवाद. समीक्षा. भाकर के भीतर की आग. तवे से बहुत छोटी सी दिखती है आग . लहराती हुई लगाकर पूरी ताकत ,पकाती है भाकर को. मोड़कर भी दो हिस्से नहीं होती. उसकी परत टूट नहीं पाती. जिसे कटोरी के पानी से बारबार चिकना बनाया जाता था. कि न चिपके हाथ में. न चिपक बच्चे गोद में. कि पकना ही है ज्वार की भाकर की तरह. जिसमें रहती है आग तवे से बिछड़ने के बाद भी. आग बनी रहे अपने भीतर ,माँ यही चाहती थी . Labels: कविता. एक गुमशुदा लफ्ज. हो जाए गायब. न समझाया गया. जिस तरह समय को . वैसí...
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