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मन का पाखी

मन का पाखी. Sunday, October 6, 2013. ख़ामोश इल्तिज़ा. तन्वी बालकनी में खड़ी सामने फैले स्याह अँधेरे को घूंट घूंट पीने की कोशिश कर रही थी. सोचती कुछ ऐसा जादू हो कि वो स्याह अँधेरे में गुम हो जाए और फिर कोई उसे देख न पाए. तभी मोबाईल पर मैसेज टोन बजा. वो चेक करने नहीं गयी. पता था सचिन का मैसेज होगा. पढ़ लिया न मेरा मैसेज. अब जरा मुस्करा दो. सचिन का पहला मैसेज पढने के बाद ही बालकनी में आयी थी. वो लिख भेजता है .कभी लिखता. काश तुम देख पाती. 8217; वाह ताज! साथ चाय. 8211; कॉफ़ी. उसे घर छोड़ द&#...पर यह दीव...

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मन का पाखी. Sunday, October 6, 2013. ख़ामोश इल्तिज़ा. तन्वी बालकनी में खड़ी सामने फैले स्याह अँधेरे को घूंट घूंट पीने की कोशिश कर रही थी. सोचती कुछ ऐसा जादू हो कि वो स्याह अँधेरे में गुम हो जाए और फिर कोई उसे देख न पाए. तभी मोबाईल पर मैसेज टोन बजा. वो चेक करने नहीं गयी. पता था सचिन का मैसेज होगा. पढ़ लिया न मेरा मैसेज. अब जरा मुस्करा दो. सचिन का पहला मैसेज पढने के बाद ही बालकनी में आयी थी. वो लिख भेजता है .कभी लिखता. काश तुम देख पाती. 8217; वाह ताज! साथ चाय. 8211; कॉफ़ी. उसे घर छोड़ द&#...पर यह दीव...
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1 हर्ट
2 सुनने
3 यह सब
4 ताने
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हर्ट,सुनने,यह सब,ताने,अपनेआप,घर भी,आई सी,posted by,rashmi ravija,no comments,labels kahani,बम्बई,आजीवन,उसने,अपनी,कमर की,यहाँ,कॉफी,ग़ज़ल,मॉल्स,older posts,about me,followers,blog archive,october,रचनाकार,14 hours ago,15 hours ago,17 hours ago,21 hours ago
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मन का पाखी. Sunday, October 6, 2013. ख़ामोश इल्तिज़ा. तन्वी बालकनी में खड़ी सामने फैले स्याह अँधेरे को घूंट घूंट पीने की कोशिश कर रही थी. सोचती कुछ ऐसा जादू हो कि वो स्याह अँधेरे में गुम हो जाए और फिर कोई उसे देख न पाए. तभी मोबाईल पर मैसेज टोन बजा. वो चेक करने नहीं गयी. पता था सचिन का मैसेज होगा. पढ़ लिया न मेरा मैसेज. अब जरा मुस्करा दो. सचिन का पहला मैसेज पढने के बाद ही बालकनी में आयी थी. वो लिख भेजता है .कभी लिखता. काश तुम देख पाती. 8217; वाह ताज! साथ चाय. 8211; कॉफ़ी. उसे घर छोड़ द&#...पर यह दीव...

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मन का पाखी: January 2010

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मन का पाखी. Saturday, January 30, 2010. और वो चला गया,बिना मुड़े.(लघु उपन्यास )- समापन किस्त. नेहा स्कूल की प्रिंसिपल है.अपने केबिन में अचानक शरद. को आते देख चौंक जाती है.और उसे शरद से अपनी पहली मुलाकात याद. आने लगती हैं.यह भी कि किशोरावस्था में वह कितनी शैतान थी. सबको कैसे तंग. करती रहती थी.शरद ने जब उसके साथ एक छोटी बच्ची की तरह बर्ताव किया तो बहुत नाराज़ हुई. कर दिया था.). गतांक से आगे. 8216;टू नेहा‘ - यह आश्चर्य कैसे? चार पन्नों का खत? जब जावेद के पिता जाने ल...नेहा, अब तुम शा...अच्छा अब ...लगा...

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मन का पाखी: March 2010

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मन का पाखी. No posts. Show all posts. No posts. Show all posts. Subscribe to: Posts (Atom). स्वाभिमान टाइम्स में प्रकाशित आलेख ". View my complete profile. उड़न तश्तरी . न दैन्यं न पलायनम्. Dr Smt. Ajit Gupta. मेरी भावनायें. Aradhana-आराधना का ब्लॉग. किस्सा-कहानी. नुक्कड़. अंतर्मंथन. वीर बहुटी. अपनी बात. पाल ले इक रोग नादां. मेरी बातें. कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se *. देशनामा. शब्दों का सफर. अपनी, उनकी, सबकी बातें. नन्ही परी. सफ़ेद घर. ज्ञानवाणी. घुघूतीबासूती. बना रहे बनारस. मानसिक हलचल.

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मन का पाखी: January 2012

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मन का पाखी. No posts. Show all posts. No posts. Show all posts. Subscribe to: Posts (Atom). स्वाभिमान टाइम्स में प्रकाशित आलेख ". View my complete profile. उड़न तश्तरी . न दैन्यं न पलायनम्. Dr Smt. Ajit Gupta. मेरी भावनायें. Aradhana-आराधना का ब्लॉग. किस्सा-कहानी. नुक्कड़. अंतर्मंथन. वीर बहुटी. अपनी बात. पाल ले इक रोग नादां. मेरी बातें. कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se *. देशनामा. शब्दों का सफर. अपनी, उनकी, सबकी बातें. नन्ही परी. सफ़ेद घर. ज्ञानवाणी. घुघूतीबासूती. बना रहे बनारस. मानसिक हलचल.

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मन का पाखी: September 2010

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मन का पाखी. Monday, September 27, 2010. हैप्पी बर्थडे . मन का पाखी. और अजय भैया ने बताया "सबलोग कमेंट्स नहीं लिखते" (अब तो मैं भी यह बात बहुत अच्छी तरह जान गयी हूँ.इसलिए मेरे ब्लॉग के Silent Readers. आप सबो का भी बहुत आभार,मेरा लिखा ,पढ़ते रहने के लिए:) ). ये लोग शुरू से ही टिप्पणी देकर मेरी हौसला अफजाई करते रहें ह ैं. जी' सबमे कॉमन है :) आप सबो का शुक्रिया. निर्मला जी. ने अदा. और शिखा. को मेरे ब्लॉग से परिचित करवाया. अदा. शिखा और अदा के साथ वाणी गीत. और संगीता स्वरुप. पर लिखने का न&#23...पर चिट&#2...

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मन का पाखी: April 2011

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मन का पाखी. Sunday, April 10, 2011. आखिर कब तक? अरे तेरे पंचम सुर के आलाप से पता चल जाता है.जितनी देर घर में तू होती है.तेरे गाने की मीठी आवाज़ आती रहती है.". एक दिन धोबी भी आ जायेगा .अपने गधों को ढूंढते हुए ".ये उस से दो साल बड़े भाई की आवाज़ थी. कोई किसी से कम नहीं ". माँ, बुआ की बात रखने को उसे किचन में भेज देती.और दीदी को आवाज़ लगाती " शिवानी! आज सारा काम गुड़िया से ही करवाना ". सपाट स्वर में उत्तर मिला."एक चम्मच ". छुट्टी कहाँ है? अब वो , हाँ तो कहना ही पड़त&#2...ऑंखें नाक प&#23...मितभाष&#2...वो ...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: May 2011

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. लावण्या (पार्ट-3). प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (7). लावण्या (पार्ट-3). इस संदेश के लिए लिंक. लावण्या (पार्ट-2). प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (6). लावण्या धीरे-धीरे अपने आज में वापस आने लगी। अब क्या वो खुश है. बेशक थी। फिर. फिर वो अचानक अजीब सी बेचैनी क्यों महसूस करने लगी थी. इस संदेश के लिए लिंक. लावण्या. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (4). इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. सदस्यता लें संदेश (Atom). लावण्या (पार्ट-3). लावण्या. रात मे&#...जयप&#2369...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: March 2010

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. दो कंधे. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (17). दो नाज़ुक मासूम कंधे. बोझ उठाये फिरते है. किसी की उम्मीदें. किसी के सपने. पूरा करते वो कंधे. वो झुकते है. वो थकते है. ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबे कंधे. बनते है किसी का सहारा. किसी का दिलासा वो कंधे. सूरज से तपते कभी. बारिश से भीगते कंधे. दर्द सहते. टूटते जुङते. दो नाज़ुक मासूम कंधे. इस संदेश के लिए लिंक. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. सदस्यता लें संदेश (Atom). कब क्या लिखा मैंने. दो कंधे. अभिव्यक्ति. दिल्ली, India. जयपुर म&#2...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: March 2013

http://khanshabnam.blogspot.com/2013_03_01_archive.html

जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. तू सिर्फ इंसान है. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (7). पैदाइश के फौरन बाद. मैं खुद ब खुद हिस्सा हो गई. कुल आबादी के. आधे कहलाने वाले. एक संघर्षशील. कानों से गुज़रती. हर एक महीन से महीन आवाज़. ये अहसास दिलाती रही. तुझे कुछ सब्र रखना होगा. कुछ और सहना होगा. कुछ और लड़ना होगा. और दिल से आती. हर ख़ामोश सदा ने कहा,. तुझे नहीं बदलना. बिगड़ा नज़रिया किसी बेअक़्ल का. तुझे नहीं बनानी नई दुनिया. विशेष के लिए. और न ही. तुझे करना है साबित. किसी को कुछ भी. अपने लिए. राजकोट...जयप&#2369...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: January 2013

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. अपने हिस्से का प्यार. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (19). चांद तारों की म. हफिल लगने से. आसमान में सूरज लहराने तक. बादल के आखिरी टुकड़े से. बारिश की हर बूंद निचुड़ जाने तक. घर के बाहर लगे गुलाब के पौधे में. एक नया फूल उग के सूख जाने तक. सड़क पर लगे गाड़ियों के मजमें से. उसके ख़ामोश सुनसान हो जाते तक. चूड़ियों की सजी खनखनाहट से. ड्राउर के लकड़ी के केस में रखे जाने तक. करीने से बनी ज़ुल्फों के. कंधों पर बिखर जाने तक. मैंने कर लिया. नई पोस्ट. दिल्ली, India. जयपुर म&#2...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: October 2011

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. झांसी का किला देखिए तस्वीरों में. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (9). कुछ दिन पहले झांसी जाना हुआ. वहां झांसी की पहचान 'झांसी का किला ' देखा. ऊंचाई पर बसा ये किला वाकई बहुत खूबसूरत है. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: झांसी. झांसी का किला. रानी लक्ष्मीबाई का किला. नया रिश्ता. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (18). सुबह-सुबह दरवाज़े पर. सूरज की पहली किरण. संग आज ले आई. एक नया महमान. एक ताज़ी हवा का झोंका,. मुझे देख. वो कुछ मुस्कुराया. एक रिश्ता नया,. रिश्ता. कब क्य&#236...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: November 2012

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. तेरी सासों में क़ैद, मेरे लम्हे. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (7). वो लम्हे. तेरी सांसों में क़ैद. जो मेरे थे. सिर्फ मेरे,. जिनमें नहीं थी. मसरूफियत ज़माने की. रोज़ी-रोटी कमाने की. जिसमें नहीं थी. कोई रस्म दिखावे की. कहां गुम गए. सभी, एकदम से. क्या सच है. बुज़ुर्गो की वो बात. जो कहते हैं. कुछ मिल जाने के बाद. उसकी चाह. होने लगती है ख़त्म,. या फिर. ये एक वहम ही है. हमेशा कहते हो तुम. लेकिन फिर भी. मैं अक्सर. उन लम्हों को. याद करती हूं. जो मेरे थे. बहरहाल, ईमा...राज...

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां: January 2011

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जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां. एक पुरुष की अनकही. प्रस्तुतकर्ता शबनम खान. टिप्पणियाँ (21). मेरे अस्तित्व को. खुदके अस्तित्व पर ओढ़े. समेटे अपनी इच्छाओ को. मेरी इच्छाओ में. हिस्सा बन गयी हो. मेरे जीवन का. सदा मु. स्कुराती तुम,. इतराती भी हो,. तुम्हे मेरे साथ का. कुछ घमंड सा हो चला है. पर सच कहूँ. ये घमंड तुम्हारा. मुझे मेरे. सम्पूर्ण होने का. दिलाता है,. तुम पर अपना. मालिकाना हक. समझने लगा हूँ. तुम मुझे मेरी. संपत्ति सी लगती हो,. चाहता हूँ,. मेरी पकड़ तुमपर. हमेशा बनी रहे,. कुछ तो हो. ऐसे ही. इस संद&#23...

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MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर. एसेंशियल टिचिग्स ऑफ़ हिन्दुइज्म. लेबल: नारी. 10026; 13 comments. एसेंशियल टिचिग्स ऑफ़ हिन्दुइज्म नामक'" प्रख्यात पुस्तक के पृष्ट १८६ के मनु के श्लोक का वास्तविक अर्थ समझाया है. कुछ घटनाओं को अपवाद समझना ही अपेक्षित है. इतना प्यार आर्शीर्वाद-हिन्दी ब्लोग जगत में ही सम्भव है. लेबल: मेरेविचार. 10026; 17 comments. हिन्दी. हिन्दुस्थान. किताबे. ज्यादा. स्याही. लेती।. विनोबा. विचारो. प्रभावित. लिखूगा. लिखूगा।. अभिव्यक्ती. गुस्से. मर्यादित. अनुशासनहीन. विश्वास. द्वारा. राक्...इस तरह क&...

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2011 november 22., kedd. Nóra mindjárt 1 éves. Nagyon gyorsan elrepült az elmúlt év. Olyan nosztalgikus hangulatban vagyok pár napja már. Minden nap tudom, hogy 1 éve ilyenkor milyen dokinál voltam, mi volt az eredmény! Pl holnap lesz 1 éve, hogy a skype előtt együtt mértük a csajokkal a 6-6,5 perces fájásaimat. :). Nórival ma voltunk a védőnőnél az 1 éves státuszon! 7640 gramm és 74 centi! Persze az ANYA-t még mindig nem, én is APA vagyok! Ma Zsomival a gyerekszobába ülnek és ezt hallom Zsombortól:.

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Καλώς ορίσατε, Welcome! Δευτέρα, 7 Μαρτίου 2016. Εντυπώσεις από Fallout 4. Μέτα από 50 ώρες παιχνιδιού, ας ξεκινήσω με τα αρνητικά (κατά την γνώμη μου). Το παιχνίδι πλέον ειναι λιγότερο rpg, συγκριτικά με το Fallout 3 ποσο μαλλον το New Vegas. Πάρα πολλά πράματα είτε έχουν απλοποιηθεί ή απλά δεν υπάρχουν, skills, διάλογοι και karma system είναι κάποια από αυτά. Πλέον η σειρά είναι sandbox shooter/rpg. Επισης η pc έκδοση έχει κάποιες απαράδεκτες ελλείψεις εν έτη 2015:. Απουσια επιλογής για hz οθόνης.

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ความรู้เกี่ยวกับคอมพิวเตอร์

ความรู้เกี่ยวกับคอมพิวเตอร์. วันอังคารที่ 2 มีนาคม พ.ศ. 2553. คอมพิวเตอร์ computer. รากศัพท์เดิมของคำว่า คอมพิวเตอร์. มาจากภาษาละตินคือ computare ซึ่งหมายถึง การนับ การคำนวน และในพจนานุกรม ฉบับราชบัณฑิตยสถาน พ.ศ. 2542 ได้ให้ความหมายคอมพิวเตอร์ ไว้ว่า คำว่า คอมพิวเตอร์ หมายถึง เครื่องอิเล็กทรอนิกส์แบบอัต. ประวัติ คอมพิวเตอ. เริ่มแรกก่อนที่จะมี คอมพิวเตอร์. 1) ส่วนรับข้อมูล (Input Unit). 2) ส่วนประมวลผลข้อมูล (Central Processing Unit). 3) ส่วนแสดงผล (Output Unit). 4) หน่วยความจำ (Memory Unit).

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