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मीडिया व्यूह: March 2011
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मीडिया व्यूह. जिज्ञासु पत्रकारों की मीडिया की खबरों पर पैनी नज़र. जन संदेश. आईये हम साथ मिल हिन्दी को बढ़ाये, , ,? हमें जरूर बतायें- संचालक . हमारा पता है - neeshooalld@gmail.com. Monday, March 28, 2011. पाकिस्तानी खिलाडियों पर जासूस छोडे जा चुके हैं.भारत विश्वकप जीतेगा. यूं टर्न. . पाकिस्तानी खिलाडियों पर जासूस छोडे जा चुके हैं. . द्वारा भेजा गया. प्रतिक्रियाएँ:. इस संदेश के लिए लिंक. लेबल: विश्वकप. Subscribe to: Posts (Atom). हमारी राह. विजेट आपके ब्लॉग पर. Kabhi ye bhi likha hun. स्वाम...हमा...
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मीडिया व्यूह: November 2009
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मीडिया व्यूह. जिज्ञासु पत्रकारों की मीडिया की खबरों पर पैनी नज़र. जन संदेश. आईये हम साथ मिल हिन्दी को बढ़ाये, , ,? हमें जरूर बतायें- संचालक . हमारा पता है - neeshooalld@gmail.com. Friday, November 27, 2009. हवा के झोंके में तुम्हारी याद .कविता. हवा के झोंके ने. बंद पन्नों को बिखेरा है ,. आज फिर से ,. जिसमें तुम्हारी चंद यादें फिसल गयी,. आंखों के मोती बनकर ।. मैंने रोकना चाहा. खुद को. नाकाम ही रहा ,. तुम्हारी तस्वीर पर पड़े. आंसू ने. महसूस करना चाहा था. उम्र भर के के लिए ,. Thursday, November 26, 2009.
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काश मैं भी बाबा होता | Khyalat
https://khyalat.wordpress.com/2010/03/11/काश-मैं-भी-बाबा-होता
16 ट प पण य. जब बनन क ल य बह त क छ ह त ब ब क य? चल य आप क बत द त ह क म ब ब ह क य बनन च हत ह? आप क पत भ नह चल ग क कब आपक प स बड़ -बड़ आश रम आ ज य ग , आपक आव गमन क ल य नय -नय व हन उपलब ध ह ज य ग , अथ ह प स आपक न म स ब क म जम ह ज य ग यह तक क आपक कह आन -ज न क ल य भ ढ र स र प स म ल ग. त आप ह बत ईय क अगर म ब ब बनन च हत ह त इसम गलत क य ह? भ ई म झ त इतन फ यद और क स व यवस य य न कर म नज़र नह आत अगर आपक आत ह त म झ जर र बत न तब तक म भगव न क मन त ह क व म झ ब ब बन द और क स अच छ स ब ब क ख जकर उनस क छ ग र स ख ल त ह. प रय स...
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कुछ कहना चाहता हूँ: ट्रेन और ज़िंदगी
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कुछ कहना चाहता हूँ. ट्रेन और ज़िंदगी. ट्रेन की खिड़की से एक-एक करके पीछे छूटते स्टेशनों को देखकर वो सोच रहा था कि ज़िंदगी और ट्रेन में कितना कुछ एक जैसा है। ज़ि. गाड़ी छूटने के वक़्त में अभी लगभग चार घण्टे का समय बाकी था।. यहां से कहां जायेंगे" - लड़की ने पूछा।. कहीं नहीं.थोड़ी देर यहीं टहलते हैं फिर स्टेशन चलेंगे" - उसने कहा।. हमें अब चलना चाहिए. उसने कहा।. प्रस्तुतकर्ता. अमृत पाल सिंह. लेबल: ज़िंदगी. July 16, 2011 at 3:15 PM. July 16, 2011 at 10:55 PM. शुभकामनाएं. July 17, 2011 at 10:03 PM. आजकल नई कह&...
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कुछ कहना चाहता हूँ: May 2010
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कुछ कहना चाहता हूँ. हमारे रिश्तो के बीच का " मैं ". रात के अंधेरे में घास के शीर्ष पर चमकती उस ओस की बूँद को समर्पित जिसने मुझे जीवन का आईना दिखाया.तुम्हारा शुक्रिया।). तेरे और मेरे बीच. इस " मैं " का आना मुझे अखरता है. बहुत अखरता है।. मैं ". ऐसा शब्द. जिसके आने से रिश्ते अपने नहीं लगते. एक अलगाव सा महसूस होता है।. इस " मैं " के दखल से. ऐसा महसूस होता है. जैसे कोई तीसरा आ जाता है हमारे दरमियाँ।. कभी तुम्हारा यह कहना कि. मैं यह नहीं चाहती हूँ ". हमारे बीच में. प्रस्तुतकर्ता. Subscribe to: Posts (Atom).
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कुछ कहना चाहता हूँ: May 2011
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कुछ कहना चाहता हूँ. मैं, तुम और शून्य. प्रस्तुतकर्ता. अमृत पाल सिंह. इस संदेश के लिए लिंक. Subscribe to: Posts (Atom). अमृत पाल सिंह. View my complete profile. मुझे चाहने वाले. मेरी डायरी. मैं, तुम और शून्य. ज़रा इन्हें भी देखिये. मसिजीवी. बेउम्मीदी की उम्मीद में. देशनामा. मुलायम कुनबे की कलह में मौजूद है बॉलिवुड का पूरा मसाला.खुशदीप. शरद कोकास. देह नहीं मनुष्य की यह वसुंधरा है. 3 मर्डर 3 मंगलवार और “ स्टोन कीलर “. हमारे तुम्हारे बीच. जाते-जाते. Kyunki me jhooth nahi bolti.
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कुछ कहना चाहता हूँ: November 2009
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कुछ कहना चाहता हूँ. एक सवाल. सिर्फ तुम्हारे लिए. ये तेरे शब्द ही हैं. जो मुझे तेरे पास खींच लाते हैं. तेरे ख़्याल मुझे. अपने से लगते हैं. महसूस करता हूँ कि. कोई मुझसा भी सोचता है. कोई है जो. मुझको भी समझता है. बावजूद इसके. मैं चाहता हूँ तुझसे. सुनना कुछ ख़ास. कुछ बातें. जो हो सिर्फ मेरे लिए. जानता हूँ कि तेरे लिए. मेरे वक़्त में. शब्दों के मायने बदल जाते हैं. जानता हूँ कि. मेरे सामने होने पर. शब्दों की जगह. भावनायें ले लेती हैं. और रह जाती है. सिर्फ ख़ामोशी. प्रस्तुतकर्ता. समझते हैं. दरअसल आज जब कु...
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अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी: आती तो है, इन छिछोरों के लक्खन देख कर लौट जाती है
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अलबेला खत्री की चिट्ठों पर चुटकी. AN NEW CREATION BY LAUGHTER CHAMPION ALBELA KHATRI. Sunday, December 13, 2009. आती तो है, इन छिछोरों के लक्खन देख कर लौट जाती है. मित्रो. चुटकियाँ. टेंशन पॉइंट. शंकर फुलारा. नेताओं की पैदाईश पर रोक कैसे लगे? असामाजिक. तत्वों. दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi. और क्या कर रहे हो आजकल/कविता के अलावा. चिन्ता. ट्रैफिक. क्यों. नन्ही कोपल. कोपल कोकास. प्यार का एहसास. ज़िन्दगी. बिटिया. तुम्हारी. Posted by Mithilesh dubey at Dubey. तुम्हारे. INext में 'हलंत'. युवा व...Posted by...
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