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मिर्ज़ा ग़ालिब: June 2013
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मिर्ज़ा ग़ालिब. Click here for Myspace Layouts. जून 21, 2013. यूँ होता तो क्या होता. न था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता. डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता,. हुआ जब गम से यूँ बेहिस, तो गम क्या सर के कटने का. न होता गर जुदा तन से, तो जानू (घुटने) पर धरा होता,. हुई मुद्दत के मर गया 'ग़ालिब' पर याद आता है. वो हर एक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता,. प्रस्तुतकर्ता. इमरान अंसारी. 5 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. लेबल: गज़लें. नई पोस्ट. 160; तì...
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क़लम का सिपाही: March 2013
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. मार्च 05, 2013. प्रेम एक भावनागत विषय है, भावना ही से उसका पोषण होता है, भावना ही से लुप्त हो जाता है । प्रेम भौतिक वस्तु नहीं है ।". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता. इमरान अंसारी. 14 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). इमरान अंसारी. क्षणभंगुर.
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क़लम का सिपाही: March 2011
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. मार्च 25, 2011. आशा - निराशा. मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 6 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. मार्च 04, 2011. मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 8 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. नई पोस्ट. क्षणभंगुर. जीवन से...
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क़लम का सिपाही: July 2011
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. जुलाई 16, 2011. मानव ह्रदय. मानव ह्रदय एक रहस्यमय वस्तु है, कभी तो वह लाखों की ओर आँख उठाकर नहीं देखता और कभी कौड़ियों पर फिसल जाता है ". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 5 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). इमरान अंसारी. क्षणभंगुर.
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क़लम का सिपाही: April 2011
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. अप्रैल 19, 2011. परीक्षा-अग्नि. दुःख की अवस्था ही वह परीक्षा-अग्नि है, जो मनुष्य का असली चेहरा सामने ला देती है ". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 5 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. अप्रैल 05, 2011. मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 5 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. क्षणभंगुर. जीवन स...
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क़लम का सिपाही: May 2012
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. मई 25, 2012. क्षणभंगुर. जीवन से ज़्यादा आसार भी दुनिया में कोई वस्तु है, क्या वह उस दीये की तरह क्षणभंगुर नहीं, जो हवा के एक झोंके से बुझ जाता है।". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 27 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. मुँशी प्रेमचंद. इमरान अंसारी. क्षणभंगुर.
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क़लम का सिपाही: January 2011
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. जनवरी 29, 2011. धन का देवता. धन का देवता आत्मा का बलिदान लिए बिना प्रसन्न नहीं होता ". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 8 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. जनवरी 19, 2011. घास और कास. मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 5 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. जनवरी 07, 2011. प्रे...जीव...
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क़लम का सिपाही: June 2011
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. जून 27, 2011. न्याय क्या है और अन्याय क्या है, यह सिखाना नहीं पढ़ता बच्चे को भी बेकसूर सज़ा दो , तो वह चुपचाप न सहेगा ". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 6 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. जून 09, 2011. सुभार्या. मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 7 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. प्रí...
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क़लम का सिपाही: September 2011
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. सितंबर 20, 2011. अनंत ज्योति. हमे जीवन इसलिए प्रदान किया गया है की सदविचारों और सत्कार्यों से उसे उन्नत करें और एक दिन अनंत ज्योति में विलीन हो जाएँ ". मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 7 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. सितंबर 06, 2011. मुँशी प्रेमचंद. 12 टिप्पणियां:. इसे ईमेल करें. नई पोस्ट. जीवन सí...
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क़लम का सिपाही: April 2012
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क़लम का सिपाही. Click here for Myspace Layouts. अप्रैल 21, 2012. आग और पानी. युवावस्था आवेशमय होती है, क्रोध से आग हो जाती है, करुणा से पानी हो जाती है. मुँशी प्रेमचंद. प्रस्तुतकर्ता इमरान अंसारी. 11 टिप्पणियां:. इस संदेश के लिए लिंक. इसे ईमेल करें. इसे ब्लॉग करें! Twitter पर साझा करें. Facebook पर साझा करें. Pinterest पर साझा करें. लेबल: अनमोल मोती - मुँशी प्रेमचंद. नई पोस्ट. पुराने पोस्ट. मुख्यपृष्ठ. सदस्यता लें संदेश (Atom). मुँशी प्रेमचंद. मुँशी प्रेमचंद. इमरान अंसारी. क्षणभंगुर.